भाई शैलेश नितिन त्रिवेदी जी के आरकुट गुडी म आज हमा परेंव देखेंव कि हमर दुरूग वाले मितान हीरा ह बडा बढिया गोठ बात करत हे त हम सोंचेन येला गुर...
Read More
Home / Archive for June 2008
छत्तीसगढी बोलईया सबे भाई मन के जय जोहार
छत्तीसगढी बोलईया सबे भाई मन के जय जोहार हम छत्तीसगढी भाखा के मेकराजाला म बढोतरी खातिर बडे भाई जय प्रकाश 'मानस' जी अउ रवि रतलामी जी क...
Read More
पं. जगमोहन प्रसाद मिश्र के गीत
तोर भोली सुरत मोला निक लागे रे, मोला निक लागे । हरियर हरियर लुगरा पहिरे चूरी कारी कारी धीरे धीरे आवत रहे बोझा धरे भारी तोला देखेंव तभे ले मो...
Read More
लाला जगदलपुरी के कबिता
जब ले तैं सपना से आये मोला कुछु सुहावत नइये संगी तैं ह अतेक सुहाये पुन्नी चंदा ल देखेंव तोरे मुह अस गोल गढन हे अंधियारी म तारा देखेंव माला क...
Read More
नारायण लाल परमार के कबिता
मन के धन ला छीन पराईस टूटिस पलक के सीप उझर गे पसरा ओखर बांचे हे दू चार कि अखिंयन मोती ले लो । आस बंता गे आज दिया सपना दिखता हे सुन्ना परगे र...
Read More
पं.द्वारिका प्रसाद तिवारी 'विप्र' के एक ठन गीत
तोला देखे रेहेंव गा, तोला देखे रेहेंव गा । धमनी के घाट मा बोईर तरी रे ।। लकर धकर आये जोही, आंखी ला मटकाये गा, कईसे जादू करे मोला, सुख्खा म र...
Read More
Subscribe to:
Posts
(
Atom
)