कई हिन्दी ब्लॉगरों को यह चिंता खाये जा रही है कि लगातार लिखने, मित्रो के ब्लॉगों मे लिंक पे लिंक चिपकाने के बावजूद उनका ब्लॉग चिट्ठाजगत सक्र...
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Home / Archive for March 2010
तेजी से कांक्रीटमय होती शहरी धरती में कहीं कोई पेड भी है जिसे मैंनें लगाया है.
पिछले वर्ष मेरे घर के आम के पेड में कुल जमा दो आम फले थे तब यह आम एक पोस्ट इस आम में क्या खास है भाई .... ? बनकर खास हो गया था और इसका जि...
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बधाई देंवें यह पोस्ट हमारी 68 वीं पोस्ट है ......
पिछले पोस्ट में राजकुमार ग्वालानी जी के पोस्ट में आई टिप्पणी को प्रकाशित करने के बाद ब्लागवाणी में हाट लिस्ट के तीसरे क्रम में अपने 'घु...
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टॉप ब्लौगर बन भी जाओगे तो क्या उखाड़ लोगे? - टेस्ट पोस्ट
ख़ुशी है कि यहाँ की असलियत आपको जल्दी समझ आ गयी. यहाँ गुटबाजी ही चलती है. इस समय यहाँ कई गुट बने हुए हैं. कमाल तो ये है कि वही गुटबाजी ...
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अभिव्यक्ति की आजादी
"कला जानते हो ?" कैनवास में तूलिका से आडी तिरछी रेखाओं के बीच नारी जननांगों को उकेरते हुए उसने मुझसे कहा. आधे कटे सेव और ...
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याद रखना चाहता हूँ मरहम लगाने वालों को
कितने ज़ख़्म दिये हैं तूने कितने ज़ख़्म सहे हैं मैंने मैं जल्दी भूल जाना चाहता हूँ बस याद रखना चाहता हूँ मरहम लगाने वालो को क्योंकि उन्ही...
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महिला दिवस : तुम्हे मुबारक ये दिवस
दिवस कहॉं सूर्य का आलोक है भोग आरक्षण सम्मान की विलासिता सब, तुम्हारे लिये मेरे लिये तो बस, जायों को पेट भर रोटी हिम्मत भर मेहनत ...
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