संगी मन थोरुक बढे चलव गा समीर यादव 3 Comments Edit अब झन करव अबिरथा अबेर गा संगी मन थोरुक बढे चलव गा भाई मन चिटुक बढे चलव गा !! अतियाचार करिन बैरी जब तुम निचट देह डारेव ! सुमता छांड अपुस मा ... Read More
फोकट के बिजली ल तोरे घर मे राख युवराज गजपाल Add Comment Edit छतीसगढ़ काँग्रेस के प्रभारी नारायण सामी के कहना हे कि अगर छतीसगढ मे काँग्रेस के शासन आही ते किसान मन ल फोकट मे बिजली दिही । हमन ह दिगविजय सिँ... Read More
सारी दीपक 1 Comment Edit आजकल रोज सरी बिहनीया अउ संझा दानेश्वर बबा के कविता ला पढत हव बने सुघ्घर लिखे हवय !! आज पढव उंकर एक ठीन रोमांटिक गीत अपन सारी बर ॥ मोर सारी ... Read More
मोर कुंवर कन्हैया...! समीर यादव 1 Comment Edit जन्माष्टमी के पावन बेरा मा...परसतुत हे॥ श्री कृष्ण जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनायें .... मोर ... Read More
अपन गोठ... समीर यादव Add Comment Edit सुकवि बुधराम यादव जी के रचित थोरकुन गीत, कविता, जागरण गीत , मुक्तक , साखी के गुरतुर-गोठ अउ मनोरथ के माध्यम से आप मन अवलोकन करेव । ये सब म... Read More
तपत कुरु भइ तपत कुरु दीपक 5 Comments Edit संजीव भैय्या के किरपा अउ परयास के फ़लस्वरुप एक ठीन किताब हाथ लग गे हे नाम हाबे "तपत कुरु भई तपत कुरु " अउ एखर लिखैय्या हाबे प्रसी... Read More
बियंग : मोबाईल मास्टरिन 36solutions 7 Comments Edit मास्टर कहे के मतलब, मास्टर माइंड नो हे, फेर आजकल तो कलजुगी इस्टाईल के गुरू हर, अपन ला चाल्स सोभराज ले कोन्हों कम नई मानय । फोकट चंद अउ... Read More
मुक्तक.. समीर यादव 1 Comment Edit मुक्तक.. पर के पीरा हा जेकर हिरदे मा जनावत हे पर के पीरा ल जौन अपन कस बनावत हे ! ऐसनहा मनखे, मनुख नोहय देवता ये पर के पीरा हरत जौन जनम प... Read More
साखी.... समीर यादव Add Comment Edit साखी .... एक झन के जन्माये एक अँगना मा खेलेन बाढें ! हिन्दू सिख ईसाई मुल्ला फेर कैसे बन ठादें !! जनधन पाके अतियाँवय अउ पद पाके गरुवाय... Read More
जमुनिया के डार : धनी धर्मदास के गीत 36solutions Add Comment Edit जमुनिया के डार मोर टोर देव हो । एक जमुनिया के चउदा डारो, सार सबद लेके मोर देव हो । काया कंचन अजब पियाला, नाम बूटी रस घोर देव हो । सुरत सु... Read More
नयना नीर भरे समीर यादव 4 Comments Edit नयना नीर भरे कोई फिर ना झरे नाही कोई किसी को छले आओ सबसे से मिले गले..... इस चमन में अमन की वो गंगा बहे जन गण सदियों सलामत औ चंगा रहे धरा ध... Read More
छत्तीसगढ़-गौरव 36solutions 1 Comment Edit हमर देस ये हमर देस छत्तीसगढ़ आगू रहिस जगत सिरमौर। दक्खिन कौसल नांव रहिस है मुलुक मुलुक मां सोर। रामचंद सीता अउ लछिमन, पिता हुकुम से बिहर... Read More
दमांद बाबू दुलरू 36solutions Add Comment Edit एक गांव मा एक बनिया रहत रहिस । ओखर मन करिस त वो ह परदेस कमाय बर निकल गिस । दूसर देश म जाके बनिया ह गजबेच्चओ धन कमाईस । फेर धन के भोरहा म वो... Read More
धर ले कुदारी 36solutions 1 Comment Edit धर ले रे कुदारी गा किसान आज डिपरा ला रखन के डबरा पाट देबो रे । ऊंच-नीच के भेद ला मिटाएच्च बर परही चलौ चली बड़े बड़े ओदराबोन खरही झुर... Read More
मोर भाखा 36solutions Add Comment Edit मोर भाखा सँग दया मया के सुग्घर हवै मिलाप रे । अइसन छत्तीसगढ़िया भाखा, कऊनो सँग झन नाप रे ।। येमा छइहाँ बम्हलई देबी, बानबरद गोर्रइयाँ के ... Read More
तैं ह आ जाबे मैना 36solutions Add Comment Edit तैं ह आ जाबे मैना उड़त उड़त तैंह आ जाबे । मैंह कइसे आवौं ना, मैंह कइसे आवौना, बिन पाँरवी मोर सुवना कइसे आवौं ना मन के मया संगी तोला ... Read More
जागरण गीत 36solutions Add Comment Edit भाई समीर यादव जी ह हमर धरती के मया म सुकवि बुधराम यादवजी के ये जागरन गीत गुरतुर गोठ के संगी मन बर भेजे हे । जागौ किसान जागौ जवान हमर छत्ती... Read More
महर महर महकय माटी 36solutions 2 Comments Edit ............ महर महर महकय माटी......... महर महर महकय माटी मोर लहर लहर लहरावय धान ! खेत मेढ़ मा ठाढे मगन मन मुचुर मुचुर मुसकावय किसान !! ... Read More
तैं भले बिसर दे समीर यादव Add Comment Edit ..................... तैं भले बिसर दे .............. तैं भले बिसर दे मोला गियां, तोर सुरता गजब आवत हे ! घरी घरी दिन छिन पल पल, मोर जियरा ल ... Read More