एमएस वर्ड 2007 में कृतिदेव से यूनिकोड परिर्वतन का आसान तरीका

कम्‍प्‍यूटर पर हिन्‍दी में काम करने वाले बहुत से लोग अब भी कृतिदेव 10 फोंट पर काम करते हैं उसके बाद उसे ब्‍लॉग आदि के लिए आनलाईन फोंट कन्‍वर्टर से यूनिकोड में परिवर्तित करते हैं जिसमें बहुत से शब्‍द सही ढंग से रूपांतरित नहीं हो पाता और हमें एमएस वर्ड के रिप्‍लेस कमांड से उसे सुधारना होता है। इससे निजात पाने हेतु सीधे कृतिदेव 10 से एक कमांड द्वारा पूरी फाईल यूनिकोड में परिवर्तित करने हेतु मेक्रो का निर्माण किया जा चुका है। पिछले दिनों तकनीकि हिन्‍दी समूह से अनुनाद सिंह जी नें एमएस वर्ड के इस मैक्रो के पहले संस्करण के संबंध में जानकारी दी जिसे रवि भाई ने आगे बढ़ाया। रवि भाई नें पहले ही जानकारी दी है कि सिल कनवर्टर में भी इसके लिये मैक्रो है। यहॉं हम एमएस वर्ड में कृतिदेव 10 के लिए बनाए गए मैक्रो को आपके कम्‍प्‍यूटर में संस्‍थापित करने हेतु क्रमबद्ध जानकारी प्रदान कर रहे हैं -
वर्ड 2007 में व्यू – मैक्रो –  क्रिएट यहाँ मैक्रो नेम में आपको Macro2 डालना है और Edit  बटन दबाना है।  एक नया पेज खुलेगा जिसमें कर्सर  Macro2  की आरम्भिक लाइन पर जाकर रुकेगा। आपको कुछ इस प्रकार का टेक्स्ट दिखेगा-
आपको उपरोक्त टेक्स्ट  (Sub Macro2   से लेकर  End Sub तक का)  के स्थान पर  यह मैक्रो पेस्ट करना है - 
http://bit.ly/cO7i79 (इसे क्लिक करने पर एक फाईल डाउनलोड होगी उस फाईल को खोलें व उसमें दिये गये संपूर्ण टैक्‍स्‍ट  को सलेक्ट कर कापी कर लें इसे ही मैक्रो में पेस्ट करना है) पेस्ट  करने के बाद  'सेव' कर दीजिये (File --- save Normal)
अब अपने वर्ड में कोई कृतिदेव१०  डॉकुमेन्ट लोड कीजिये या कृतिदेव 10 में लिखा कोई वर्ड फाईल खोलिये जिसका  फॉन्ट बदलना है।  
फिर  वर्ड 2007 में व्यू – मैक्रो –  में जाइये। इसमें  Macro name के में Kritidev to Unicode 1 स्वत: आयेगा यहां  आपको Run  बटन दबाना है। 

देखिये आपके डॉकुमेन्ट का फॉन्ट बदल रहा होगा या बदल गया होगा। हो सकता है फोंट का आकार छोटा हो जिसे आप स्वेच्छानुसार बढ़ा सकते हैं। आफिस 2007 में क्रमिक रूप से उपरोक्तन विधि से यह बढि़या काम करता है, किन्तु कामा के स्थान पर कृति का '' अक्षर और कुछ अन्य बिन्दु परिवर्तित नहीं होते इसके लिए रवि भाई बतलाते हैं कि ‘दरअसल कृति का '' अंग्रेज़ी फ़ॉन्ट है. पूरे दस्तावेज को मंगल / एरियल यूनिकोड में बदल लें, फिर देखें.'   
 संजीव तिवारी
तकनीकि हिन्‍दी समूह से साभार
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4 टिप्पणियाँ:

  1. बहुत उपयोगी, कई बार कृतिदेव में मिल जाता साहित्य।

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  2. उम्दा जानकारी ,शुक्रिया

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  3. मैं तो पढ़ते-पढ़ते ही मिनीमाइज कर-करके शुरू भी कर दिया भैया.. बेहतरीन.
    यहाँ भी आइए
    http://karumahun.blogspot.in/

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