आजकल मोबाईल सेटों में एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम आधारित मोबाईल फोनों का चलन बढ़ गया है। नोकिया से परे अन्य लगभग सभी मोबाईल फोन निर्माता कम्पनियों के द्वारा एंड्रॉयड फोन बाजार में उतारा जा रहा है। मोबाईल फोन को चलाने वाले इस तकनीक प्रणाली को एंड्रॉयड इंक नें विकसित किया था। इस तकनीक को गूगल बाबा ने 2005 में खरीद लिया और पहले पहल ब्लैकबेरी मोबाईल नें एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम को अपनाया। ब्लैकबेरी में सफलतापूर्वक कार्य करने के कारण एंड्रॉयड का जादू छाने लगा और देखते ही देखते एंड्रॉयड को विश्व के अधिकतम मोबाईल निर्माता कम्पनियों नें स्वीकार लिया। समाचार पत्रों एवं बाजार अन्वेषकों के अनुसार आने वाले समय में गूगल का एंड्रॉयड स्मार्टफोन ऑपरेटिंग सिस्टम बेहद लोकप्रिय हो जाएगा। उनका मानना है कि 2012 में बाजार के 49 प्रतिशत हिस्से पर एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का कब्जा होगा।
विंडोज, सिंबियन, बाडा के बाद एंड्रॉयड नें मोबाईल हैंड सेटों को स्मार्ट बनाया है, इससे हैंड सेटों में नये नये फीचर जुड़े हैं और फोन एप्लीकेशनों में वृद्धि हुई है। एंड्रॉयड प्रणाली की खासियत यह है कि यह बड़ी तादाद में एप्लीकेशन को काम करने देता है। यानी एंड्रॉयड सज्जित फोन में कई तरह की ऐसी सुविधाएं होती हैं जो दूसरों में नहीं हो सकती है। एंड्रायड ओ एस वाले गूगल बाबा बाजार में अपने आप को बनाए रखने के लिए एंड्रायड ओएस में समय के साथ ही धीरे-धीरे सुधार कर रहा है और लेटेस्ट वर्जन लांच कर रहा है। एंड्रॉयड 1.6 वर्जन फिर एंड्रॉयड 2.1 (एक्लेयर) और 2.2 (फ्रोयो) वर्जन के बाद अभी सबसे लेटेस्ट वर्जन एंड्रॉयड 2.3 (जिंजरब्रेड) है। इस नये वर्जन में नया यूजर इंटरफेस, सॉफ्ट कीपैड, कॉपी पेस्ट फीचर को सुधारा गया है। एंड्रॉयड का 3.0 (हनी) कॉम्बो वर्जन टैबलेट पीसी के लिए उपयोग में लाया जा रहा है। मोबाईल नेट के संबंध में जानकारी खोजते खोजते एंड्रोयड के संबंध में जो कुछ जानकारी प्राप्त हुई उसे आपसब से बांटते हुए यहां सहेज रहा हूँ, आगे प्रयास करूंगा कि इस संबंध में भी जानकारी रखूं।
इसमें भी हिन्दी गायब है।
ReplyDelete