ढाल 36solutions 1 Comment Edit बढता नाविक क्षितिज के पार समुद्र की लहरें विशाल कलम जिसकी ताकत मानस की प्रतिबद्धता है उसकी ढाल. संजीव तिवारी Read More
अदा के लिये 36solutions 3 Comments Edit सांसे जब तक धडकती रहे, नब्जो मे हो जब तक स्पन्दन, तुमको कलम और आवाजो को थामना ही होगा. कैसे तुम कह सकती हो शव्दो को अलविदा. संजीव ति... Read More
मानव 2 36solutions Add Comment Edit अपने भीतर के कल्मष को अब तक मनुज नहीं धो पाया अपने व्यवहारों को उसने नया मुखौटा है पहनाया पाषाणी मानव के भीतर, अपनापन कुंटित प्रतिपल ... Read More
सह + मत 36solutions Add Comment Edit पडी लकीर रेत पर जैसी आज हुई गति नैतिकता की भीडतंत्र के संकल्पों में डूब गई मति मानवता की. विद्या भूषण मिश्र .... Read More
आदमी 36solutions 1 Comment Edit आज खुशामदखोर अहं के गरल उगलते हैं करते हैं बाहर से सौदा भीतर बिकते हैं रिश्ते नाते हुए खोखले मुंह देखा व्यवहार उल्लू सीधा करने वालों की ह... Read More