ब्‍लॉगर मिलन : पोस्‍ट आईटम

पिछले एतवार हम कोरट के काम से हाईकोरट की ओर निकल गए, जब बिलासपुर पहुचने ही वाले थे कि सिंहावलोकन वाले अजय सिंह जी का फोन आया, उन्‍होंनें बतलाया कि हमारे रूकने के ठिकाने के पास ही उनका घर है तनि फ्रेश वेश होके मिलने आ जाव। पर हमारे सिनियर साथ में थे उन्‍होंनें कहा कि कल सुबह चलेंगें, सो बात कल पे टल गई। यद्धपि मन तो कह रहा था कि राहुल भईया के साथ देर तक बईठें और छत्‍तीसगढ़ी संस्‍कृति पर कुछ लम्‍बा चर्चा करें। सिनियर के आगे जूनियर की एक्‍को ना चली तो हमने बिनती की कि,  हे! सिनियर महोदय, राहुल भईया ना सहीं हमरे अउर दूई बिलागर संगी हैं उनसे मिल लेते हैं, तो तनि ना नुकुर के साथ वो मान गए काहे कि हम जिन हाई कोरट वाले बकील साहेब से मिलने गए थे उ रईपुर म एक बिहाव मा लाड़ू उड़ा रहे थे और दूसरे दिन भिनसारे ही मिल सकते थे।

तो भाईयों इस प्रकार से सिनियर जूनियर की सवारी बिलासपुर बिलागर क्रांतिदूत वाले अरविन्‍द झा जी के दुवारे खड़ी हो गई, रिमझिम बारिश नें शहर को अपने आगोश में ले लिया था और कड़ुआ सच वाले श्‍याम कोरी 'उदय' जी एवं बिलासपुर टाईम्‍स वाले गिरीश डामरे जी, जी 36 के लिए बारिश शूट करते हमसे मिलने आ गए थे। अब आगे का वाकया हिन्‍दी ब्‍लॉग जगत की परंपराओं के अनुसार फोटो-सोटो, गोठ-बात, बम-फटाका का होना चाहिए पर अली भईया नें जब से इसे 'पोस्‍ट आईटम' बतलाया है तब से हम बिलकुलै सिंसियर हो गए हैं कि किसी भी को 'पोस्‍ट आईटम' नहीं बनायेंगें सो बम-फटाका की बात कुलुप के झोला म धर दिये।

हॉं फोटू चटकाने के सउंख को झटकार नहीं पा रहे हैं सो देखें -

मेरे सीनियर राजकुमार रस्‍तोगी व अरविन्‍द झा,  श्‍याम कोरी 'उदय' जी की कविताओं पर खुशी प्रकट करते हुए 

श्‍याम कोरी 'उदय' जी अपनी नई फिल्‍म की स्‍टोरी सुनाते हुए

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6 टिप्पणियाँ:

  1. जय हो बिलागत मिलन चलत रहे।
    बने फ़ोटो हींचे हस गा मंजा आगे।

    जय जोहार

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  2. बिलागत मिलन=बिलागर मिलन

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  3. ... shaandaar story sunaayaa thaa ... lalit bhaai chook gaye hain !!!

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  4. संजीव भाई ,
    अरे ये तो गज़ब कर गये आप ! आप की फोटो कहां है भाई ?
    बारिश के बीच का ब्लागर मिलन और सबको हलके फुल्के मूड में देख कर अच्छा लगा !

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