रतन अमोल धरे इहाँ उहाँ भटकत हें
बिरथा बर रात दिन माथा ला पटकत हें
मरम नई पाइन सिरतो मनुख तन पाए के
सइघो ला छांड तभे आधा म अटकत हें
बिरथा बर रात दिन माथा ला पटकत हें
मरम नई पाइन सिरतो मनुख तन पाए के
सइघो ला छांड तभे आधा म अटकत हें
भाई समीर यादव जी ह गुरतुर गोठ के संगवारी मन बर सुकवि बुधराम यादव जी के करूनामय बिदाई गीत भेजे हें आप मन ये गीत के अनंद लेवव अउ हमला 'कमेंट' करके असीस देवव :-
बेटी बिदा के गीत.. " अंचरा के मया..."
अंचरा के मया ले जा ओ
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ !
मांग के सेंदुर संग ओ
बेटी सोरहों सिंगार ले जा ओ !!
नयना कस पुतरी पलक ओट रहे काली
खोर गली अंगना में बचपन पहाये ओ
संगी सहेली संग खेले घरघुन्दिया अउ
चंदा-चंदैनी बीच नाव ला धराये ओ !!
मइके के लाज जमो ओ
बेटी धर ससुरार ले जा ओ !
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ !!
घर रोवय बछुरा बाहिर मा ओ गइया
पिंजरा ले रोवय तोर पोंसे ओ चिरैयाँ
धरर-धरर रोवंय संगी तोर जवंरिहा
सुसक-सुसक रोवंय जुरे पहुनैया
लोटा भर पानी के अब ओ
नोनी सिरिफ बेवहार ले जा ओ !
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ !!
डेहरी बर भये अब पहुना पराये ओ
मइके के अतमा सगा ले दुरिहाए ओ
दाई ददा भैया के रहे तयं मयारू खुबे
पिया संग डोली चढ़ जमो बिसराए ओ
छोर गठिया के बेटी ओ
सुख असीस हमार ले जा ओ !
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ......
अंचरा के मया ले जा ओ .......!!
रचनाकार......
सुकवि बुधराम यादव
बिलासपुर
अंचरा के मया ले जा ओ
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ !
मांग के सेंदुर संग ओ
बेटी सोरहों सिंगार ले जा ओ !!
नयना कस पुतरी पलक ओट रहे काली
खोर गली अंगना में बचपन पहाये ओ
संगी सहेली संग खेले घरघुन्दिया अउ
चंदा-चंदैनी बीच नाव ला धराये ओ !!
मइके के लाज जमो ओ
बेटी धर ससुरार ले जा ओ !
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ !!
घर रोवय बछुरा बाहिर मा ओ गइया
पिंजरा ले रोवय तोर पोंसे ओ चिरैयाँ
धरर-धरर रोवंय संगी तोर जवंरिहा
सुसक-सुसक रोवंय जुरे पहुनैया
लोटा भर पानी के अब ओ
नोनी सिरिफ बेवहार ले जा ओ !
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ !!
डेहरी बर भये अब पहुना पराये ओ
मइके के अतमा सगा ले दुरिहाए ओ
दाई ददा भैया के रहे तयं मयारू खुबे
पिया संग डोली चढ़ जमो बिसराए ओ
छोर गठिया के बेटी ओ
सुख असीस हमार ले जा ओ !
मोर कोरा के दुलार ले जा ओ......
अंचरा के मया ले जा ओ .......!!
रचनाकार......
सुकवि बुधराम यादव
बिलासपुर
....................... परिचय...............
......................बुधराम यादव ............
पिता का नाम - श्री भोंदू राम यादव
पत्नी - श्रीमती कमला देवी यादव
जन्मतिथि - 3 मई 1946
पता - ग्राम खैरवार (खुर्द) तहसील-लोरमी, जिला-बिलासपुर, छत्तीसगढ़.
शैक्षणिक योग्यता - सिविल इंजीनियरिंग में पत्रोपाधि अभियंता
साहित्यिक अभिरुचि - गीत एवम कविता लेखन छत्तीसगढी एवम हिंदी में, सतसाहित्य अध्ययन चिंतन और गायन
कृतियाँ - काव्य संग्रह " अंचरा के मया " छत्तीसगढी गीत एवम कविता संग्रह प्रकाशित
प्रकाशन एवम प्रसारण - वर्ष 1966-67 से प्रयास प्रकाशन बिलासपुर से प्रकाशित काव्य संग्रह 'खौलता खून', मैं भारत हूँ, नए गीत थिरकते बोल, सुघ्घर गीत एवम भोजली आदि में रचनाएँ प्रकाशित हुई . इनके अतिरिक्त अन्य आंचलिक पत्र पत्रिकाओ एवम काव्य संग्रहों में भी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है. आकाशवाणी तथा गोष्ठी एवम कवि सम्मेलनों के माध्यम से भी निरंतर साहित्य साधना करते रहें हैं.
सम्प्रति - अभियंता के पद पर विभिन्न स्थानों में शासकीय सेवा करते हुए साहित्य साधना में सक्रिय रहे, वर्तमान में पद से सेवानिवृत होकर बिलासपुर में सक्रिय.
वर्तमान पता - एम.आई.जी. ए/8 चंदेला नगर रिंग रोड क्र. २ बिलासपुर, छत्तीसगढ़
......................बुधराम यादव ............
पिता का नाम - श्री भोंदू राम यादव
पत्नी - श्रीमती कमला देवी यादव
जन्मतिथि - 3 मई 1946
पता - ग्राम खैरवार (खुर्द) तहसील-लोरमी, जिला-बिलासपुर, छत्तीसगढ़.
शैक्षणिक योग्यता - सिविल इंजीनियरिंग में पत्रोपाधि अभियंता
साहित्यिक अभिरुचि - गीत एवम कविता लेखन छत्तीसगढी एवम हिंदी में, सतसाहित्य अध्ययन चिंतन और गायन
कृतियाँ - काव्य संग्रह " अंचरा के मया " छत्तीसगढी गीत एवम कविता संग्रह प्रकाशित
प्रकाशन एवम प्रसारण - वर्ष 1966-67 से प्रयास प्रकाशन बिलासपुर से प्रकाशित काव्य संग्रह 'खौलता खून', मैं भारत हूँ, नए गीत थिरकते बोल, सुघ्घर गीत एवम भोजली आदि में रचनाएँ प्रकाशित हुई . इनके अतिरिक्त अन्य आंचलिक पत्र पत्रिकाओ एवम काव्य संग्रहों में भी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है. आकाशवाणी तथा गोष्ठी एवम कवि सम्मेलनों के माध्यम से भी निरंतर साहित्य साधना करते रहें हैं.
सम्प्रति - अभियंता के पद पर विभिन्न स्थानों में शासकीय सेवा करते हुए साहित्य साधना में सक्रिय रहे, वर्तमान में पद से सेवानिवृत होकर बिलासपुर में सक्रिय.
वर्तमान पता - एम.आई.जी. ए/8 चंदेला नगर रिंग रोड क्र. २ बिलासपुर, छत्तीसगढ़
बुधराम यादव जी के बारे मे जानके बहुत बढिया लागिस । ये मे अगर यादव जी के जीवन परिचय ह छतीसगढ़ी मे रतिस ते अव मजा आ जतिस
ReplyDeleteमया म फसें बेटी के सुरता कर करके, दिल ह दुखत हे गा, आखीं के आशु एकों कनी नई रूकत हें गा,
ReplyDeleteदुख्ा मा बिसरथ हो मैं सोच सोंच के गा, मया म फसें बेटी के सुरता कर करके, दिल ह दुखत हे गा,
वास्तव मा बुधराम यादव थोकिन पढेंव, मोर आंखी लें आसु आगे जी, तोर गीत मा करून रस बोहावत हे जी, बहुत बहुत धन्यवाद संगी