छत्तीसगढ के जनगीतकार लक्ष्मण मस्तुरिहा के साथ संजीव तिवारी  एवं संजीत त्रिपाठी जीवंत कविता पाठ सुने रवि रतलामी जी  के  रचनाकार  में Tags: लक...
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चिनहा
चिनहा - संजीव तिवारी कईसे करलाई जथे मोर अंतस हा बारूद के समरथ ले उडाय चारो मुडा छरियाय बोकरा के टूसा कस दिखत मईनखे के लाश ला देख के माछी भिन...
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छतीसगढी लघु कथा : कोंन नामवर सिंह ?
पुन्नी के दिन मोर घर सतनरायेन के कथा होये रहिस. वोमा मोर परोसी बलाये के बाद घलव नई आये रहिस. मोर सुवांरी बने मया कर के परसाद ल मोर टेबल में ...
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सुरहुत्ती
सुरहुत्ती - संजीव तिवारी कहां ले बरही मनटोरा तोर तेल बिन दिया ह सुरहुत्ती के दिया ह दाउ मन बर ये मोर करम म त सिरिफ मोर मेहनत के चूहे तेल अउ ...
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छत्तीसगढ थापना परब अउ बुचुआ के सुरता
बुचुआ के सुरता (छत्तीसगढी कहानी) संजीव तिवारी बुचुआ के गांव म एक अलगे धाक अउ इमेज हे, वो हर सन 68 के दूसरी कक्षा पढे हे तेखरे सेती पारा मोहल...
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छपास ले मन भले भरत होही पेट ह नई भरय
इंटरनेट म हिन्दी अउ छत्तीसगढी के भरमार ल देख के सुकालू दाऊ के मन ह भरभरा गे वोखर बारा बरिस पहिली कोठी म छाबे भरूहा काडी ल गौंटनिन मेंर हेरवा...
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मोर सोंच मोर छत्तीसगढी
छत्तीसगढी भासा बोलैया समझैया मन ला मोर जय जोहार मोर मन हा छत्तीसगढी बोले पढे लिखे म अडबड गदगद होथे, काबर नई जानव ? फ़ेर सोचथो मोर जनम इहि छत्...
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