हैलो ... हाँ .... उस पोस्‍ट पर कमेंट मत करना, चिट्ठाजगत में टाप चढ़ जाएगा.... सक्रियता में भी अंडर 40 पहुचने वाला है

पिछले चार रातों से पंडवानी पर दो पोस्‍ट लिखने के लिए पुस्‍तकों-पत्रिकाओं-कापी-पेन-लेपटाप को टेबल-सोफा-दीवान में चारो तरफ फैलाये रतजगा टाईप देर से सोने के कारण आज सुबह सुबह ब्‍लॉग के संबंध में ही सपना आ गया. वैसे भी ब्‍लॉगरों को इसके अतिरिक्‍त कुछ और नहीं सूझता तो ........ सपने तो आयेंगें ही .....  :)

सपने में एक दमदार ब्‍लॉगर किसी दूसरे नये नवेले ब्‍लॉगर को फोन में समझा रहा था. ... हैलो ... हाँ .... उस पोस्‍ट पर कमेंट मत करना, उसके ब्‍लॉग का लिंक चर्चा का खर्चा मत करना..... चिट्ठाजगत में टाप चढ़ जाएगा.... सक्रियता में भी अंडर 40 पहुचने वाला है. सुबह सुबह आये इस सपने से मैं हड़बडा़ गया, नीद उचट गई. ब्रम्ह मुहुर्त में आया सपना सत्‍य होता है ऐसा हमने सुना है इस कारण मन घबड़ाने लगा. दरअसल क्‍या है कि हमारे प्रदेश के ब्‍लॉगर हिन्‍दी ब्‍लॉगजगत में नित नई उंचाईयों को छू रहे हैं (टंकी को उंचाई की परिभाषा में सम्मिलित ना करें :)) ललित शर्मा जी, राजकुमार ग्‍वालानी जी और अनिल पुसदकर जी के ब्‍लॉग चिट्ठाजगत में प्रदर्शित सक्रियता में अंडर 40 में नजर आ रहे हैं, हमारा ब्‍लाग आरंभ भी किसी किसी दिन चालीसवें नम्‍बर पे दिख जाता है पर फिर पीछे हो जाता है, अवचेतन मन की चिंता यही थी कि भाई लोग जादू टोना करके हमारे ब्‍लॉग को अंडर फोट्टी में नहीं पहुचने दे रहे हैं...... :)  चेतन मन यह स्‍वीकारता है कि यह अंडर फोट्टी ब्‍लॉगों की सामाग्री पठनीयता व स्‍तरीय होने का पैमाना नहीं है फिर भी दिल तो पागल है ना बेबात घबड़ाता है.
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21 टिप्पणियाँ:

  1. सपना तो सपना है संजीव जी ये सपना कौन है?
    इस लेख के लिऐ आपका आभार

    सुप्रसिद्ध साहित्यकार और ब्लागर गिरीश पंकज जी के साथ एक मुलाकात,उनका इंटरव्यू पढने के लिए यहा क्लिक करेँ >>>
    एक बार अवश्य पढेँ

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  2. सपना आया है महाराज तो आप निश्चित टॉप ४० में पहुँच जायेंगे.. आपका सपना साकार हो ..शुभकामनाओ के साथ...

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  3. फिर भी दिल तो पागल है ना बेबात घबड़ाता है।

    सपने सच होते हैं यह आपके लेख से सत्यापित हो रहा है।

    आप 40 तक पहुंच गए हैं।

    अरे "धान के देश में" भूल गए

    शुभकामनाएं

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  4. इस बारे में अधिक पता नहीं संजीव भाई, अपन तो कभी भी 25 से ऊपर गये नहीं… असल में जितना "सक्रिय"(?) होना चाहिये, उतने हैं नहीं हम :) :)

    और हाँ सपने देखना छोड़िये, कुछ धमाकेदार लिख मारिये… अन्दर भले ही कचरा भरा हो, हेडिंग जोरदार होनी चाहिये…। "भगवान" और "सुबह का सपना" दोनों मिलकर आपकी इच्छा जरूर पूरी करेंगे… :) :)

    तथास्तु बालक तथास्तु।

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  5. अरे ये तो कमाल हो गया ! भोर का सपना सच हुआ और आज मैं आपको लिंक देके रहूंगा !

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  6. सपना, सक्रियता, टंकी - कुछ सुना-सुना सा लग रहा है।
    मगर बहुत बार जो सूना-सूना को सुना-सुना लिखते हैं, वे भी आप से ऊपर की रैंक पर हो सकते हैं।
    मगर एक जिज्ञासा उत्पन्न हो गई है - कि यह रैंकिंग कौन तय करता है और कहाँ देखी जा सकती है?
    कितनी सार्थकता है इस वरीयता क्रम की - एक उपलब्धि के तौर पर, कितना सम्बन्ध है इस वरीयता क्रम का लेखन की गुणवत्ता से और कितना है लोकप्रियता से… क्या जो मुफ़्त उपलब्ध पठनीय सामग्री प्रदाता हैं - उन्हें पैसा खर्च कर के - पत्रिकाओं में या पुस्तकों के रूप में छपने पर लोग पढ़ना चाहेंगे?
    मुझे लगता है कि सार्थक लेखन की परिभाषाएँ सापेक्षता के सिद्धान्त के अनुरूप ही कई हो सकती हैं।
    आप का सपना जागी आँखों तक देखने की स्थिति शीघ्र ही प्राप्त कर सके, इस शुभकामना के साथ,

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  7. लेकिन अपन तो टिप्पणी करेंगे और आपको टाप पर पहुंचाकर रहेंगे।
    बोलो भाई कितनी टिप्पणी चाहिए... बंदा हाजिर है।
    ज्यादा चाहिए तो कूप कृष्ण से अनुरोध करूंगा कि वे हमारी समस्या पर ध्यान दें।

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  8. ओह ! तो आपने सपना भोर के पहले ही देखा होगा .....तभी तो हम चले आये .....दमदार हेडिंग के कारण |
    वैसे उस "दमदार ब्लॉगर" के फ़ोन का इन्तेजार तो हम भी कर रहे हैं .............और मुआ दूसरों के लिंक चेपने के अलावा तो आजकल हम कुछ कर ही नहीं रहे.........तभिये तो हम टॉप फोट्टी से टू हंड्रेड के बाहर पहुँच गए |

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  9. ये ब्लौगर लोग ब्लौगर के अलावा भी तो कुछ हैं कि नहीं ...खर्चा पानी कैसे चलता होगा , हर वक्त स्क्रीन पर आँखें गढ़ाए , जिन्दा आत्माओं से मुहं मोड़े ...कैसे चलता होगा ..ब्लौग लेखन एक प्रेरणा की तरह ... सामंजस्य बिठाते हुए तो ठीक है ...इस तरह तो इसे ऊर्जा का समय का निकृष्ट इस्तेमाल ही कहा जायेगा । शुक्र है सपना ही था ।

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  10. snjiv bhaai likhte rho hm pdhte rhenge kyonki hme aajkl aesaa achchaa pdne ko bhut km milega. akhtar khan akela

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  11. ये सपना तो सच हुआ बीडू ! बधाई !

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  12. अपुन ने इस बारे में कभी सोचा नहीं, लेकिन लगता है अब सोचना पडेगा।
    ………….
    दिव्य शक्ति द्वारा उड़ने की कला।
    किसने कहा पढ़े-लिखे ज़्यादा समझदार होते हैं?

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  13. नाहक परेशान होने की जरूरत नहीं है संजीव जी। ये सक्रियता क्या है इसे तो समझना ही बहुत मुश्किल है। समझना चाहें तो भी नहीं समझ सकते क्योंकि इसका सूत्र गोपनीय है और समय समय पर बदला भी जाता है। ऐसा मैं नहीं कह रहा हूँ बल्कि चिट्ठाजगत वाले ही कहते हैं, विश्वास ना हो तो यहाँ देखें: सक्रियता क्रं० क्या है?

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  14. ये लो जी टिप्पणी ! ताकि आपकी पोस्ट ऊपर चढ़े और आप भी सक्रियता क्रमांक ४० के अन्दर आये :)

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  15. आपको भी शुभकामनाएं..और ऊपर चढ़ें

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  16. आपका सपना साकार हो ..शुभकामनाओ के साथ...

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  17. ant se ''aarambh'' ki shuruaat ho rahi hai. kitanaa sukha hai yah vilom...neeche se hi log oopar uthate hai.

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  18. आप चालीसे के लिये रो रहे हैं, हम आपको टॉप पचीस में लिया देवेंगे.
    सच्ची ;-)

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  19. ये रैंक-वैंक क्या है जी... आप अच्छा लिखते हैं यही काफी है हमारे लिए.

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  20. aap kis chakkar me aa gaye hain sir ji ..aap ko to bina rank ke bhi padhne chale aayenge kyonki.. ..aapka itna rob-dab jo hai ..ha...ha...

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