हमने अपने ब्लॉग आरंभ में आज अपनी मति अनुसार, बहुत खोज बीन कर, श्रम करके एक पोस्ट - कवि गोपाल मिश्र : हिन्दी काव्य परंपरा की दृष्टि से छत्तीसगढ़ के वाल्मीकि पब्लिश की है, सामान्य ब्लागरी उत्सुकता एवं किंचित समय की उपलब्धता के कारण हम उस पोस्ट में आ रहे ट्रैफिक को जानने के लिए फीडजिट पर नजरें गडाए बैठे रहे तो बहुत रोचक जानकारी हमें प्राप्त हुई.
ब्लागवाणी व चिट्ठाजगत से आ रहे पाठकों के अतिरिक्त, सर्च इंजनों से भी ट्रैफिक हमारे ब्लॉग में आ रही थी. जिस पोस्ट में सर्च इंजन के द्वारा ट्रैफिक आ रही थी वह पोस्ट थी 'मसाज पार्लर : जहां लड़कियां मसाज करती हैं.फीडजिट के दस परिणामों में से चार क्लिक इस पोस्ट के लिए थे यानी चालीस प्रतिशत ट्रैफिक 'मसाज' शव्द खोजते हुए हमारे ब्लॉग तक पहुच रहे हैं .... और हम नाहक ही दूसरे विषयों पर कलमघसीटी कर, चार-चार पेजों को सीमित समय के बावजूद टाईप कर, ब्लॉग में पब्लिश कर रहे हैं :)
बुद्धिजिवियों, बनवारीलालों, घीसूलालों जैसों की ब्लॉगप्रसिद्धि और टिप्पणियों के जूतमपैजारों के सुख से वंचित ना रहना पडे सोंचकर ही हमने इस ब्लॉग को बरकरार रखा है, हालांकि इसमें सर्च इंजन से कुत्ता भी मूतने नहीं आता, घुरूवा की औकात बनी रहे :)
आपके ब्लॉग पर सर्च इंजन के माध्यम से किस शव्द को खोजते हुए लोग आ रहे है .... हमें भी बतायें
ब्लागवाणी व चिट्ठाजगत से आ रहे पाठकों के अतिरिक्त, सर्च इंजनों से भी ट्रैफिक हमारे ब्लॉग में आ रही थी. जिस पोस्ट में सर्च इंजन के द्वारा ट्रैफिक आ रही थी वह पोस्ट थी 'मसाज पार्लर : जहां लड़कियां मसाज करती हैं.फीडजिट के दस परिणामों में से चार क्लिक इस पोस्ट के लिए थे यानी चालीस प्रतिशत ट्रैफिक 'मसाज' शव्द खोजते हुए हमारे ब्लॉग तक पहुच रहे हैं .... और हम नाहक ही दूसरे विषयों पर कलमघसीटी कर, चार-चार पेजों को सीमित समय के बावजूद टाईप कर, ब्लॉग में पब्लिश कर रहे हैं :)
बुद्धिजिवियों, बनवारीलालों, घीसूलालों जैसों की ब्लॉगप्रसिद्धि और टिप्पणियों के जूतमपैजारों के सुख से वंचित ना रहना पडे सोंचकर ही हमने इस ब्लॉग को बरकरार रखा है, हालांकि इसमें सर्च इंजन से कुत्ता भी मूतने नहीं आता, घुरूवा की औकात बनी रहे :)
आपके ब्लॉग पर सर्च इंजन के माध्यम से किस शव्द को खोजते हुए लोग आ रहे है .... हमें भी बतायें
गंदे लोग ब्लॉग्गिंग को भी खराब कर देंगे , आपकी चिंता वाजिब है
ReplyDeleteसंजीव जी, हिन्दी शब्दों तथा वाक्यांशों को सर्चबॉक्स में टाइप करके लोगों ने सर्च शुरू कर दिया है यह भी एक उपलब्धि ही है। हमारे वाल्मीकि रामायण में बहुत से लोग "रामायण" खोजते हुए ही आते हैं।
ReplyDeleteआप भी गज़ब करते हैं :)
ReplyDeleteआप भी गज़ब करते हैं :)
ReplyDeleteमसाज यानी मालिश न.. यह काम मुफ्त में कौन करता है थोड़ा पता चले तो बताना। हा.. हा.. हा..
ReplyDeleteपोस्ट अच्छी है।
ye lo
ReplyDelete@@@@@@@@@@
log kya kya search karte he
लीजिये अब आप को ब्लॉग गुरु मन्त्र मिल गया !
ReplyDeleteसही कहा आपने...
ReplyDeleteहमारे ब्लॉग पर ६०% से ऊपर लोग गूगल पर हिंदी खोज परिणामों से ही आते है |
ReplyDeleteसही कह रहे हैं रतनसिंह जी, मैं आपके ब्लाग ज्ञानवाणी में उबंटू खोजते हुए पहुचा था. उपर के चित्र में दिये गये दसो क्लिक गूगल सर्च इंजन के द्वारा किए गए हैं.
ReplyDelete@ क्षमा करें ज्ञान दर्पण
ReplyDeleteअपुन के ब्लॉग पर भी काफी लोग सर्च इंजन की मदद से आते हैं
ReplyDeleteमेरे ब्लॉग पर अधिकांश लोग "सस्ती शायरी", "ब्लू फ़िल्म", "सचिन तेंदुलकर" और "भाभी" ढूंढते हुए आते हैं.
ReplyDeleteहा हा
ReplyDeleteमेरे इतने ब्लॉग हैं और महीने में सैकड़ों पोस्ट आ जाती हैं। उन पर लोग क्या ढ़ूँढ़ते आते हैं लिख दूँ तो सारा ब्लॉग जगत नाक-भौं सिकोड़ने लगे।
मुझे खुद हैरानी होती है
bich bich me ye traffic key words pe nazar dalna bahut jaruri hai
ReplyDeleteसच कह रहे हैं संजीव भाई ,
ReplyDeleteइसी तरह मैंने भी कुछ प्रयासों में पाया कि हिंदी में विष्यों के सर्च में और उसके द्वारा पाठकों के पहुंचने में कुछ शब्द जैसे ..ज्योतिष , एलोवेरा आदि भी हैं जिनकी सबसे ज्यादा तलाश की जाती है ।
पुत्र
ReplyDeleteतू समझदार होकर भी सर्च इंजन के फ़ेर मे क्यो पडा है
तू कर्म करता चल
पापा जी