.....................तैं भले बिसर दे ..............
तैं भले बिसर दे मोला गियां, तोर सुरता गजब आवत हे !
घरी घरी दिन छिन पल पल, मोर जियरा ल कलपावत हे !!
कैसे मंतर तैं साधे
मोटहा मया डोर मा बांधे !
जतके तोर ले दुरिहाथंव
ओतके बहुते सपनाथँव !!
तोर पैरी के रुनझुन जोही सोये नई देवय जगावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
सांप असन बेनी के फुंदरा
पिंवरा पोलखा लाली लुगरा !
चमकत माथा के टिकली
बीच बादर जईसे बिजली !!
तोर मांग के सुघ्घर सेंदुर संग मोला रहि रहि के समझावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
कान खिनवा गर म रुपिया
संग छजय पातर सुतिया !
बहुंती बांह के तोर गोरी
अउ चुरी करंय मन चोरी !!
गोड़ के तोर लाली महाउर अंतस म दवाँ लगावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
चिमटी भर कनिहा करधन
एक दुसर बर हें अरपन !
पाँव के बिछिया चरफोरी
चंदा तोर जनव चकोरी !!
मुड-गोड़ के जमो सवांगा तोर नितनाम संदेसा लावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
जिनगी के रद्दा नापत
गहिरा उथली ल झाँकत !
किंजरत हावंव संगवारी
धरे मनसुभा एक भारी !!
आँखी के पुतरी तोर बिना जमो जिनिस अबिरथा जावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
काँटा खूंटी भरे पयदगरी
छांड आयेंव मया के सगरी !
कहुं मन ये नई थिरावय
जीव के जियान नई सिरावय !!
निरमोही तोर लागे जादू तन भितिया कस भहरावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
ए दे सिरतोन तोला बतावंव
रोवत नई बने तौं गावँव !
जब ले तन म हावय स्वासा
तब तक मन म हावय आसा !!
तभे नयना चौबीसों घरी ओरवाती कस चुचवावत हे
तैं भले बिसर दे मोला गियां तोर सुरता गजब आवत हे !
.............रचियता.......
सुकवि बुधराम यादव.
........बिलासपुर..
....................... परिचय...............
......................बुधराम यादव ............
पिता का नाम - श्री भोंदू राम यादव
पत्नी - श्रीमती कमला देवी यादव
जन्मतिथि - 3 मई 1946
पता - ग्राम खैरवार (खुर्द) तहसील-लोरमी, जिला-बिलासपुर, छत्तीसगढ़.
शैक्षणिक योग्यता - सिविल इंजीनियरिंग में पत्रोपाधि अभियंता
साहित्यिक अभिरुचि - गीत एवम कविता लेखन छत्तीसगढी एवम हिंदी में, सतसाहित्य अध्ययन चिंतन और गायन
कृतियाँ - काव्य संग्रह " अंचरा के मया " छत्तीसगढी गीत एवम कविता संग्रह प्रकाशित
प्रकाशन एवम प्रसारण - वर्ष 1966-67 से प्रयास प्रकाशन बिलासपुर से प्रकाशित काव्य संग्रह 'खौलता खून', मैं भारत हूँ, नए गीत थिरकते बोल, सुघ्घर गीत एवम भोजली आदि में रचनाएँ प्रकाशित हुई . इनके अतिरिक्त अन्य आंचलिक पत्र पत्रिकाओ एवम काव्य संग्रहों में भी रचनाओं का प्रकाशन होता रहा है. आकाशवाणी तथा गोष्ठी एवम कवि सम्मेलनों के माध्यम से भी निरंतर साहित्य साधना करते रहें हैं.
सम्प्रति - अभियंता के पद पर विभिन्न स्थानों में शासकीय सेवा करते हुए साहित्य साधना में सक्रिय रहे, वर्तमान में पद से सेवानिवृत होकर बिलासपुर में सक्रिय.
वर्तमान पता - एम.आई.जी. ए/8 चंदेला नगर रिंग रोड क्र. २ बिलासपुर, छत्तीसगढ़
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