पिछले दिनों गुप्ता जी ने पूरे मनोयोग से एक पोस्ट लिखा था गुलाम भारत के सपूतो मे आजादी पाने का जुनून जो करतार सिंह जी पर आधारित था, जिसमें दो टिप्पणियां आई. उसके बाद उन्होंनें इसी पोस्ट पर आधारित एक पोस्ट लिखा लगदा है तुसि, किसे नु न इ लगदे प्यारे इस पोस्ट पर श्याम कोरी 'उदय' जी के धका-धक कमेंट आये और कमेंट में उन्होंनें लिखा कि 'लो भाई जी ये पोस्ट ... चिट्ठाजगत में ऊपर चढ गई' मैंनें भी वर्तमान परिस्थितियों में फीड एग्रीगेटरों में पसंद-नापसंद आदि के द्वारा पोस्टों को उपर चढ़ाने के ट्रिक को आम करने के लिए मजाकिया कमेंट किया 'सिद्ध हो गया पोस्ट को उपर चढ़ाने के लिए जुगाड़ तोड़. जय हो.' और इसे अपने इस ब्लॉग में एक पोस्ट बनाकर लगा दिया और यह पोस्ट एग्रीटर हॉट लिस्ट में चढ भी गया, यह भी एक ट्रिक यानी जुगाड़ तोड था.
संभवत: गुप्ता जी को मेरा यह पोस्ट लगाना अच्छा नहीं लगा, उन्होंनें पोस्ट लगाया अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे जिसमें उन्होंनें मेरे इस तथाकथित कृत्य के कारण हिन्दी ब्लॉगिंग को अलविदा कह टंकी मा जा बैठे(ब्लॉगिंग भाषा में). यद्धपि मैंनें वहां अपना स्पष्टीकरण दिया है कि मेरे पोस्ट लगाने से किसी की भी कोई मान हानि नहीं हुई है. ना ही मैने पोस्ट लगाकर कोई गलती की है.
आदरणीय आपकी भावनाओं को मेरे इस कार्य से जो चोट पहुची है उसके लिए मैं यहां एक बार पुन: क्षमा चाहता हूं, आप हिन्दी ब्लागजगत में वापस आयें, और अपने उमड़ते घुमढ़ते विचार निरंतर प्रस्तुत करें.
उमड़त घुमड़त विचार वाले सूर्यकान्त गुप्ता जी के ब्लॉग प्रयासों से आप सभी परिचित होंगें. सूर्यकांत गुप्ता जी के संबंध में ललित शर्मा जी नें अपने ब्लॉग में यहां एक पोस्ट लिखा है जिसमें श्री गुप्ता जी के बहुआयामी और अनुकरणीय व्यक्तित्व के पहलुओं से परिचित हुआ जा सकता है.
विशेष टीप :- श्री श्याम कोरी 'उदय' जी नें उसी पोस्ट अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे में श्री गुप्ता जी को 'भड़काने' वाले को देख लेंगें कहकर मुझको प्यारी सी घुड़की दी है जो सही है 'उदय' जी ने ना ही मुझे देखा है और मैनें भी 'उदय' जी को नहीं देखा है, :) वक्त आयेगा तो जरूर देखेंगें. फिलहाल हैप्पी ब्लॉगिंग.
आदरणीय आपकी भावनाओं को मेरे इस कार्य से जो चोट पहुची है उसके लिए मैं यहां एक बार पुन: क्षमा चाहता हूं, आप हिन्दी ब्लागजगत में वापस आयें, और अपने उमड़ते घुमढ़ते विचार निरंतर प्रस्तुत करें.
उमड़त घुमड़त विचार वाले सूर्यकान्त गुप्ता जी के ब्लॉग प्रयासों से आप सभी परिचित होंगें. सूर्यकांत गुप्ता जी के संबंध में ललित शर्मा जी नें अपने ब्लॉग में यहां एक पोस्ट लिखा है जिसमें श्री गुप्ता जी के बहुआयामी और अनुकरणीय व्यक्तित्व के पहलुओं से परिचित हुआ जा सकता है.
विशेष टीप :- श्री श्याम कोरी 'उदय' जी नें उसी पोस्ट अब आया ऊँट पहाड़ के नीचे में श्री गुप्ता जी को 'भड़काने' वाले को देख लेंगें कहकर मुझको प्यारी सी घुड़की दी है जो सही है 'उदय' जी ने ना ही मुझे देखा है और मैनें भी 'उदय' जी को नहीं देखा है, :) वक्त आयेगा तो जरूर देखेंगें. फिलहाल हैप्पी ब्लॉगिंग.
तो एग्रीगेटर्स पर बात थी ! गुप्ता जी आप कृपया ब्लागिंग करते रहे !
ReplyDeleteतुमन मजाकेमजाक में काय फांदा कर डारथव।
ReplyDeleteहैप्पी ब्लोगिंग!
...ई का होई रहा है भाई ... कुछ समझ नहीं आवत है ... ई कौन कौन किस किस को देखने की गुरतुर गोठ कर रहे हैं भाई ... तनिक समझाये कोई इन नौजवानों को .... कि देखने दिखाने में कुछ नहीं राखा है ... जो कुछ भी आनंद है वह बैठने-बिठाने में है रे भाई ... लग रहा है अपने भाई गुप्ता जी भी अमरकंटक तो नाही चल दिये ... कुछ नया .... देखो भाई वो अपने ललितानंद बाबा भी क्यों अपना तीसरा अंखियां नही खोल रहे हैं ... करो भाई कुछ करो ....!!!!
ReplyDeleteउदय भाई, हा हा हा, आपके साथ बैठेंगें ही पर अभी तो गुप्ता भईया को ढूढना जरूरी है.
ReplyDelete@ ललित भाई
ReplyDeleteफांदा नोहे मया के डोर ये.
धन्यवाद अली भईया, मूल विषय पर टिप्पणी करने के लिए.
ReplyDeleteऐसी स्थितियां ना ही बनें तो अच्छा..
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