बस्तर सत्याग्रह में निकले पूर्व मुख्यमंत्री अजित जोगी जी के पुत्र अमित जोगी जी नें कल नवीन संयुक्त आश्रम मैलवाड़ा के स्कूली बच्चों को पढ़ाते हुए जब पूछा कि कितने बच्चे पुलिस बनना चाहते हैं तो सभी बच्चों नें कहा वे पुलिस नहीं बनना चाहते ............... ?????
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संजीव भाई
ReplyDeleteये कोई नई बात नहीं है इसे कम ज़ोखिम ज्यादा स्वीकार्यता के क्रम में पढ़ा जाये ...
(1 न्यूनतम ज़ोखिम...शिक्षक...स्वीकार्यता चालीस
(2)न्यून जोखिम...डाक्टर...स्वीकार्यता तीन
(3)ज़ोखिम...इंजीनियर...स्वीकार्यता एक
(4)ज्यादा जोखिम...पुलिस...स्वीकार्यता शून्य
देखिये बात ज़ोखिम की है प्रतिशत में थोड़ा बहुत अंतर भले ही आ जाये पर क्रम लगभग यही रहना चाहिए ! बात जो गौर तलब है वो ये कि डाक्टर बन पाना थोड़ा मुश्किल काम है वर्ना डाक्टरों के आंकड़े थोड़े बेहतर हो सकते थे !
(: इस यात्रा से किसे ? क्या ? हासिल ? होगा :)
जो हालात बन रहे हैं..उसमें और कैसी सोच विकसित हो सकती है भला...
ReplyDeleteयहाँ अमित जोगी शिक्षक के रूप में !
ReplyDeleteबच्चो का दिग्भ्रमित होना स्वाभाविक है . अब यह तो बच्चे ही बता सकते हैं की वे वास्तव के शिक्षक बनना चाहते हैं या अमित रूपी शिक्षक (नेता).